सुरों की कायनात लताजी को इंदौरी गायिकाओं की सुरीली शुभकामनाएं

एक ऐसा जाजम जो साक्षी बना ऐसे आयोजन का जिसमे इंदौर के ख्यात गायिकाएं श्रद्धा जगताप,शिफा अंसारी,रसिका गावड़े,नूपुर पंडित,मोना शेवड़े,अर्पिता आशीष,आकांशा जाचक शेट्टी,सोनाली पुराणिक एवं सोनल दत्ता, सिमरजीत कौर एवं युगल स्वर राजेन्द्र गलगले एवं आशीष जैन ने वो समाँ बांधा कि संगीत रसिक शाम 7 बजे शुरू सुरो की क़ायनात में संगीत रसिकों की 3 बार लाइट जाने के बाद भी पूरे समय सभागृह में संगीत रसिक लगातार 4 घन्टे चले कार्यक्रम में पूरे समय बने रहे।

संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश के आयोजन सुरो की क़ायनात लता मंगेशकर में एक साथ एक मंच पर पूरे 10 लता स्वर जिस तरह गीत गा रहे थे जो संगीत रसिकों को भाव विभोर कर गया।

संगीत संयोजन हर्षद शेवगांवकर सिंथेसाइजर,गिटार पर योगेश्वर कान्हेरे,तबला बांगो पर अमोल कारखनिस,आक्टोपड पर अमित शर्मा एवं आयुषी मकवाना, ढोलक एवं साइड रीदम पर रवि खेड़े संगत कर रहे थे।

अल्लाह तेरो नाम से कार्यक्रम की शुरुआत हुई और फिर जाल सभागृह में एक से बढ़कर एक लताजी के बेहतरीन गीतों की बारिश में श्रोता भीगते रहे और दाद देते रहे।

डॉ.विवेक गावड़े द्वारा संकल्पित कार्यक्रम में उन्होंने लताजी के व्यक्तित्व के कई अनसुने और अनकहे पहलुओं को छुआ उनका साथ संगीत मर्मघ्य श्रीनिवास पुजारी ने दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जयंत भिसे निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी थे। अध्यक्षता पं. सुनील मसूरकर ने की। विशेष अतिथि प्रवीण कुमार खारीवाल अध्यक्ष, स्टेट प्रेस क्लब,मप्र थे।अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर आयोजन की शुरुआत की।कार्यक्रम का सूत्र संचालन सुगंधा बेहरे ने किया।

लताजी की जन्मस्थली में ऐसा सुयोग और सभी लता स्वरों को एक जाजम पर बैठाने के लिए अभिषेक गावड़े की मेहनत ने अप्रतिम कार्यक्रम को गढ दिया।
कार्यक्रम में श्रीनिवास पुजारी द्वारा दुर्लभ लताजी के छायाचित्रों की प्रदर्शनी ने भी सभी को लुभाया।

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