रहवासियों के विरोध के चलते प्रशासन को शिफ्ट करना पड़ी दो शराब दुकानें

जन विरोध के आगे झुका जिला प्रशासन, नई जगह खुली दो दुकानें बंद कराना पड़ी।

कीर्ति राणा इंदौर : नई आबकारी नीति के तहत इंदौर में एक अप्रैल से नीलाम की गई शराब दुकानें जिला प्रशासन का सिरदर्द बढ़ा रही हैं। जन विरोध के चलते तीन दिन में कलेक्टर को दो शराब
दुकानों को बंद करने के निर्देश देने पड़े हैं। इंदौर प्रशासन ने विरोध की लपटें उठने के पहले ही आग ठंडी कर दी है। इंदौर की ही तरह प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भी ऐसे ही विरोध की स्थिति बनना तय है।
नई आबकारी नीति में सरकार ने देशी-विदेशी (दोनों किस्म की) शराब एक ही दुकान से बेचने की व्यवस्था की है। पिछले साल तक देशी और विदेशी शराब की दुकानें अलग अलग नीलाम की जाती थीं।ऐसे में ठेकेदार दोनों किस्म की दुकानों के लिए अलग अलग बोली लगाते थे। जिस क्षेत्र में उन्हें विदेशी शराब दुकान काअधिकार मिलता था उसी क्षेत्र में देशी शराब दुकान भी उसके पास रहती थी। अब नई नीति लागू होने से ठेकेदार को दो दुकानें शुरु करने की सुविधा मिल गई है।इसीलिए वे पूर्व में संचालित दुकान के साथ ही नए स्थान पर भी दुकान खोल रहे हैं ताकि अधिकाधिक बिक्री हो और उन्हें मुनाफा भी अधिक मिल सके।
नई शराब नीति के लागू होने के बाद यह आशंका सही साबित हुई है कि नये स्थान पर शराब दुकान खोलने पर उस क्षेत्र के रहवासी आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।कलेक्टर मनीष सिंह को बीते दो दिनों में दो दुकानें उस क्षेत्र के रहवासियों द्वारा किए आंदोलन के बाद बंद करने के आदेश देने पड़े हैं।पहले मूसाखेड़ी के शांति नगर में शराब दुकान हुआ करती थी। एक अप्रैल से हुई नीलामी के बाद शांति नगर की अपेक्षा पिपलियाहाना चौराहा के लेफ्ट टर्न पर शुरु हो गई थी। पहले दिन से ही क्षेत्र के रहवासी इसे हटाने की मांग कर रहे थे। सोमवार दोपहर भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया,पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा क्षेत्र के रहवासियों के साथ कलेक्टर से मिले थे।

विधायक हार्डिया ने कलेक्टर को बताया कि शराब दुकान के आसपास बृजेश्वरी मेन, एक्सटेंशन, साकार कुंज, कालिंदी कुंज, चौहान नगर सहित दर्जनभर कॉलोनियां आती है जहां हज़ारों परिवार रह रहे हैं शराब दुकान से क्षेत्र का माहौल खराब ना हो जाए इसे देखते हुए महिलाओं, पुरुष और बुजुर्गों ने रहवासी संघ के साथ मोर्चा खोल रखा है।विधायक हार्डिया और रहवासियों को कलेक्टर मनीष सिंह ने भरोसा दिलाया कि 7 दिन में शराब दुकान को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

स्कूल के पास खुली दुकान हटाने के लिए विधायक पटवारी भी मिले थे कलेक्टर से।

स्कीम नंबर 140 में निजी स्कूल के सामने खुली शराब दुकान को कलेक्टर के निर्देश के बाद आबकारी विभाग ने बंद करवा दिया है।यह दुकान एक दिन पहले ही शुरू की गई थी, लेकिन 1 अप्रैल के पहले जो तैयारी यहां की जा रही थी उसको लेकर ही क्षेत्रीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। रहवासियों की आपत्ति थी कि सामने ही एक निजी स्कूल हैं और आसपास पूरा रहवासी एरिया है। दुकान बंद कराने के लिए क्षेत्रीय विधायक जीतू पटवारी आंदोलन कर रहे रहवासियों से मिलने पहुंचे थे।उन्होंने कलेक्टर को रहवासियों के विरोध का कारण बताने के साथ ही मौके पर आबकारी विभाग के अधिकारियों को बुलाया और कहा कि यहां दुकान खुलने से लोग परेशान होंगे। नियमानुसार सामने स्कूल होने के कारण दुकान खोली ही नहीं जा सकती है।आंदोलन स्थल पर विधायक पटवारी के साथ पहुंचे कार्यकर्ता दूध लेकर आए थे और शराब दुकान पर पहुंचे ग्राहकों को दूध भेंट करना शुरु कर दिया था। थोड़ी ही देर में यहां भीड़ बढ़ गई। इसके बाद पटवारी ने आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियों को इसकी सूचना दी तो क्षेत्र के अधिकारी यहां पहुंचे। पटवारी ने उनसे कहा कि स्कूल के पास शराब दुकान कैसे खुल रही है? इसको लेकर आपने जगह तक नहीं देखी।जनहित में इस दुकान को बंद करना चाहिए। इसके बाद अधिकारियों ने वहां ठेकेदार के लोगों से कहा कि वे दुकान बंद कर दें और कहीं ओर दुकान खोलें। इस पर कर्मचारियों ने गाडिय़ां बुलाकर उसमें शराब की पेटियां भरना शुरू कर दी। विभाग के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया कि अब इस स्थान पर दुकान शुरू नहीं होगी।

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